प्रदेश सरकार की सशर्त रियायतों के बाद विगड़ा माहौल, स्वयं को ठगा सा महसूस कर रहे हैं। ब्यवसाई

दबंग रिपोर्ट शिवपुरी-
कोरोना महामारी के बड़ते कदमों तथा अन्य देशों में वनी भयाभय स्थिति को भांप, इससेे निपटने के उपायों के चलते पीएम की घोषणा के उपरान्त सम्पूर्ण देश में तालावंदी (लाॅकडाउन) कर दी गई थी जिसका आशय कोरोना वायरस की चेन को तोड़ना तथा आमजन को इसके प्रकोप से वचाना था और सरकार की यह मुहिम काफी हद तक साकार भी रही है। लेकिन विगत दिवस प्रदेश सरकार के निर्देशों के बाद कोरोना हाॅटस्पोट वाले इलाकों के अलावा राज्य के अन्य जिलों में  लाॅकडाउन में दी गई सशर्त छूटों के चलते माहौल खराव होता साफ नजर आ रहा है इसके अलावा लाॅकडाउन की अवधि में सरकार की मंशा को साकार करने में तन-मन से जुटे पुलिसकर्मीयों का हौसला भी प्रदेश सरकार के इस निर्णय से अब डगमगाने लगा है। वर्तमान आलम यह है कि किराना ब्यवसाई, दूध, फल, सब्जियों,मांस, मछली तथा कृषि उपकरणों से संबंधित दुकानें, बैंक आदि प्रतिष्ठान प्रातः 07 वजे से शाम 05 वजे तक की अवधि में खुल रहे हैं दूसरा इस समय प्रदेश की सभी अनाज मण्डीयों सहित समर्थन मूल्य खरीद केन्द्र भी खुले हुऐ हैं जहां किसान अपनी फसल को वेचने आ रहा है। लेकिन क्या इस सब के बीच सरकार के निर्देशों का पालन हो पा रहा है यह बड़ा सबाल वनकर सामने आ रहा है सरकार के निर्देशों के अलावा भी वाजारों में अन्य दुकानें चोरी-छुपे खोली जा रही हैं जहां विना किन्हीं नियमों का पालन किये ग्राहक और दुकानदार दोनों ही खतरा मोल रहे हैं। यानी कि कुल मिलाकर वीते एक दिन में साफ हो गया था कि लाॅकडाउन में रियायत दिये जाने का प्रदेश सरकार का यह निर्णय गलत साबित हुआ है। आज यानी कि दूसरा दिन जब बाजारों में सुवह से ही चहल-पहल इस प्रकार शुरू हुई कि जैसे कुछ हुआ ही नहीं सरकार की सभी अपीलें, नियम, निर्देश इस प्रकार धरे के धरे रह गये जैसे सब कुछ सामान्य सा हो गया हो ।और फिर ऐसे में पुलिसकर्मीयों की हालत क्या होगी इसका अंदाजा लगाया जा सकता है।
स्वयं को ठगा सा महसूस कर रहे हैं अन्य ब्यवसाई-
सरकार द्वारा दी गई रियायतों के बाद जव कल से बाजारों में हुजूम सा लगने लगा है लोग अब अपने घरों में न रहकर बाजारों की ओर दौड़ पड़े है सभी नियम कायदों की जमकर धज्जियाॅ उड़ाई जा रही हैं। जिसे देखकर विगत दिनों तक सरकार की सभी अपीलों का पालन कर रहे अन्य ब्यवसाई जैसे कपड़ा, इलैक्ट्रीकल्स, वेकरी, मोवाईल, टैलीकाॅम, आॅटो पार्टस ब्यवसाईयों की अकांक्षाऐं भी अब जाग्रत होने लगी हैं। इन श्रेणीयों में भी ऐसे अधिकांश ब्यवसाई हैं जिनका चूल्हा इसी के भरोसे जलता है आखिर कार उन्हें छूट क्यों नहीं। ऐसा कहने के लिये सरकार ने ही इन्हें इन्हें इसलिये मजबूर कर दिया कि जब बाजारों में लोग आने ही लगे हैं सरकार की नजर में दी गई रियायतों के उपरान्त भी नियम-निर्देशों का पालन हो रहा है तो फिर इन ब्यवसाईयों के प्रतिष्ठान खुलने से ही उलंघन क्यों, आर्थिक द्रष्टि से इन ब्यवसाईयों को भी छूट मिलना चाहिऐ। यदि जब सरकार की मंशा आमजन को राहत देने की ही है तो क्या आमजन को कपड़ा, इलैक्ट्रिक सामान, आॅटो पार्टस, वेकरी, डिपार्टमेंटल आदि वस्तुओं की कोई आवश्यक्ता नहीं या फिर इन व्यवसाईयों के आर्थिक हितों की ओर सरकार का कोई ध्यान नहीं ।
सभी परिस्थितियों में सरकार का यह निर्णय गलत साबित होता नजर आ रहा है इस समाचार के माध्यम से हमारी सरकार से अपील है कि अपने निर्णय पर पुर्नविचार किया जाना चाहिऐ। 
Dabang News

दबंग न्यूज एक ऐसा जनमंच है जहां हम सभी खबरों एवं जनसमस्याओं को पूर्णतः निष्पक्ष और बेवाक ढंग से प्रकाशित करते हैं।

Post a Comment

Previous Post Next Post