आजादी के सात दशक बीत जाने के बावजूद भी आदिवासियों की स्थिति में कोई सुधार नहीं आया है। ऐसा नहीं है कि सरकार योजना नहीं बनाती हो, योजनाएं बनती हैं लेकिन वह कागजों तक सीमित होकर रह जाती हैं। इस स्थिति में आदिवासी समुदाय अपना जीवन यापन करते हैं। उस स्थिति को देख कर पीड़ा होती है कि यह आज भी असुविधा पूर्ण वातावरण में अपना जीवन यापन कर रहे हैं। लेकिन अब समय आ गया है सभी को एकजुट होकर अपने हक की लड़ाई के लिए आगे आना होगा। यह बात एकता परिषद के संभागीय समन्वयक डोंगर शर्मा ने कही। विश्व आदिवासी दिवस को लेकर रविवार को ग्राम श्यामपुर एकता परिषद द्वारा कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
श्री शर्मा ने कहा कि देश के अंदर जंगलों की जमीन पर कई दशकों से आदिवासी समुदाय के लोग रह रहे हैं। लेकिन बड़े-बड़े उद्योगपति उनके सर की छत को छीनने में लगे हुए हैं। इस दौरान श्री शर्मा के मार्गदर्शन में उपस्थित आदिवासी समुदाय के लोगों ने अपने हक और अधिकार की लड़ाई के लिए एकजुट होने का संकल्प लिया। इस अवसर पर वरिष्ठ अभिभाषक रमेश चंद्र दुबे, इंदल सिंह, गजेंद्र सिंह जाटव, रामजी आदिवासी, जनक सिंह, कुबेर सिंह, गुड्डी बाई, मुन्नी, लक्ष्मीबाई, गोदावरी सहित कई लोग उपस्थित रहे।
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