
अखिल भारतीय स्तर पर 20 ट्रेड यूनियन के आह्वान पर मंगलवार को भारतीय जीवन बीमा निगम के कर्मचारियों अधिकारियों एवं अभिकर्ताओं ने जोरदार प्रदर्शन किया। सार्वजनिक उपक्रमों, दुधारू नवरत्न कंपनियों, बैंक, बीमा, एलआईसी, रेल, सेल, बीएसएनएल, एयर इंडिया एवं तमाम सरकारी पेट्रोलियम कंपनियों को बचाओ अभियान के तहत यह आंदोलन किया गया।
यूनियन के सचिव राजीव कुमार गुप्ता ने कहा कि सरकार देश की सरकारी कंपनियों को बेचने पर आतुर है, जबकि इन्हीं कंपनियों के बलबूते पर आजादी से लेकर अब तक देश में चहुंमुखी विकास किया है। आज भीषण आर्थिक संकट है और इसमें सरकारी कंपनियां अपना सर्वोत्तम योगदान देकर देश की अर्थव्यवस्था को बचाने का काम कर रही हैं। फिर भी सरकार बेचने को आतुर है। भारतीय जीवन बीमा निगम के असली मालिक उसके पालिसी धारक हैं। इस कंपनी के मुनाफे का 95 फ़ीसदी पालीसी धारकों में बांटा जाता है। साथ ही देश के विकास में हर क्षेत्र में एलआईसी ने लगभग 29 लाख करोड़ रुपए का सर्वोत्तम योगदान दिया है, लेकिन फिर भी सरकार एलआईसी का आईपीओ लाकर जनता की कमाई को प्राइवेट हाथों में ले जाने की ओर बढ़ रही है। हम ऐसा होने नहीं देंगे।
हमारी सरकार से मांग है कि सरकार तत्काल देश की नवरत्न दुधारू सरकारी सार्वजनिक कंपनियों का निजीकरण करने से बाज आए और इनको मजबूत करने की दिशा में ठोस कदम उठाए। अभी यह शुरुआत है। आने वाले समय में यदि सरकार नहीं मानती है तो और भी बड़े आंदोलन जनता के सहयोग से करने को तैयार हैं। यूनियन के अध्यक्ष प्रेम नारायण परमार ने कहा कि हम सब अपनी एकजुटता को बढ़ाने का काम करें। साथ ही पॉलिसी धारकों में भी जागरूकता का प्रचार प्रसार करें। प्रदर्शन करने वालों में प्रमुख रूप से विजय कुमार रैकवार, प्रेम नारायण परमार, राकेश राठौर, हेमलता वशिष्ठ, गणेश प्रसाद, राजेंद्र सिंह, लोकेंद्र आदि प्रमुख रूप से मौजूद थे।
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