शहर में हुई पहली जोरदार बारिश ने नगर निगम के उस दावे की पोल खोलकर रख दी है कि इस बार बारिश में जलप्लावन नहीं होगा। यह अलग बात है कि कम समय में अधिक बारिश हुई जिससे निचले क्षेत्रों में पानी भर गया और लोगों को भारी नुकसान भी उठाना पड़ा। इस दौरान कई क्षेत्रों में पेड़ गिरे, मकान गिरे और नालों ने नदियों का रूप धारण कर लिया। फायर ब्रिगेड और बाढ़ नियंत्रण कक्ष के कर्मचारियों ने लोगों की समस्याओं को कम करने की कोशिश जरूर की, लेकिन वे अधिक कुछ करने की स्थिति में नहीं थे। फायर ब्रिगेड कार्यालय में जलप्लावन की करीब 30 शिकायतें दर्ज कराई गईं। इस बारिश ने यह राहत भी दी है कि खाली होने की कगार पर पहुँच गए जलाशयों में पानी नजर आने लगा और जलसंकट का खतरा टल गया।
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