Pohari News राज्‍य मंत्री के क्षेत्र में पहली वारिश में वहने लगा विकास, बड़े रेस्‍क्‍यू ऑपरेशन की आवश्‍यक्‍ता

 


राज्‍य मंत्री के क्षेत्र में घूम रहा शिवराज का विकास पहली ही वारिश में वहने लगा है जिसे किनारे पर लाने के लिये अब एक बड़े रेस्‍क्‍यू ऑपरेशन की आवश्‍यक्‍ता है। लेकिन मसला यह है कि आखिर इस ऑपरेशन की जहमत उठायेगा कौन

क्‍योंकि छोटे- मोटे ऑपरेशन तो क्षेत्र में वदस्‍तूर चलते ही रहते हैं लेकिन वे सब इस विकास को किराने लगाने में असफल ही रहे हैं नतीजन दिन बीतने के साथ ही उफनते नदी, नालों के तेज बहाव में वह रहा विकास अब आंखों से ओझल होने लगा है जिसे किनारे पर लाना छलांग लगाकर आसमान छूने जैसा है ।

मामला शिवपुरी जिले की पोहरी जनपद पंचायत के अंतर्गत आने बाली ग्राम पंचायत देवरी कला का है जहां शिवराज सरकार के पानी सहेजने की मंशा को साकार करने के लिये ग्राम पंचायत में दो चैक डैमों का निर्माण (लागत लगभग 21 लाख रूपये) कराया गया था जो कि जिला पंचायत के सानिध्‍य में, जनपद पंचायत के काबिल अधिकारी, निपुण इंजीनियरों की देखरेख में हुआ था लेकिन यह क्‍या वारिश के मौसम का पहला नजारा ही इन चैक डैमों को ढेर करने के लिये काफी रहा। अर्थात प्रशासनिक अधिकारीयों के सानिध्‍य और निपुण इंजीनियरों की देखरेख में हुआ यह कार्य इतना गुणवत्‍ताहीन था कि नाले का एक ऊफान भी न सका ।

जानकारी के अनुसार ग्राम पंचायत देवरी कला में पंचायत द्वारा बनवाये गये दो चैक डैम,  एक आश्रम वाले नाले पर तथा दूसरा राजाराम के खेत के पास, जिनकी लागत लगभग 21 लाख रूपये है । लेकिन 21 लाख रूपये खर्च किये जाने के बाद भी नतीजा यह कि पहली वारिश के हल्‍के से ऊफान मात्र में इन चैक डैमों की सारी हकीकत सामने आ गई। पानी के एक वहाव ने प्रशासनिक अधिकारीयों और कुशल इंजीनियरों तथा जनप्रतिनिधियों की नियत को साफ कर दिया है। उक्‍त संबंध में ग्रामीणों द्वारा सरपंच-सचिव पर घटिया निर्माण कराये जाने तथा शासकीय राशि के दुरूपयोग के आरोप लगाये जा रहे हैं जिनकी प्रमाणिकता उक्‍त डैमों की तस्‍बीरें बखूबी वयां कर रहीं हैं।

और फिर उक्‍त मामले को राजनामों में मिली विशेष जगह के आधार पर यदि देखा जाये तो यहां बड़े पैमाने पर हुआ भृष्‍टाचार भी साफ नजर आ रहा है। लेकिन अभी तक शासन और प्रशासन में बैठे जिम्‍मेदारों की कोई प्रतिक्रिया इस विषय पर देखने को नहीं मिली है अर्थात कोयले की दलाली में काले हाथ होने वाली कहावत यहां चरितार्थ होती नजर आ रही है । और फिर बात करें यदि पोहरी जनपद की तो यह कोई पहला मामला नहीं है ऐसे कई मामले आये दिन सामने आ रहे हैं जिनमें शिवराज का विकास आये दिन भृष्‍टाचार की गंगा में डुबकी लगाता देखा जा रहा है जिसे किनारे लगाने के लिये अभी तक जिम्‍मेदारों द्वारा कोई रेस्‍क्‍यू ऑपरेशन नहीं चलाया गया है और फिर इस सब में यहां के स्‍थानीय विधायक और प्रदेश सरकार में राज्‍यमंत्री का दर्जा प्राप्‍त सुरेश राठखेड़ा की छवि भी जमकर धूमिल हो रही है। पोहरी जनपद क्षेत्र में लगातार एक के बाद एक सामने आ रहे भृष्‍टाचार के मामलों में कोई कार्यवाही नहीं होने के चलते उक्‍त मामले अब क्षेत्रीय जन चर्चा का बड़ा विषय बनते नजर आ रहे हैं। जो कि शासन, प्रशासन के साथ ही स्‍थानीय जनप्रतिनिधियों की भूमिका पर भी सबाल खड़े कर रहे हैं।

प्रदेश स्‍तरीय रेस्‍क्‍यू ऑपरेशन की दरकार-

कुल मिलाकर पोहरी जनपद क्षेत्र में भृष्‍टाचार की गंगा में गोते लगा रहे विकास को किनारे पर लाने के लिये प्रदेश स्‍तरीय रेस्‍क्‍यू ऑपरेशन की आवश्‍यक्‍ता है जिसका नेतृत्‍व स्‍वयं प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान को विशेष रूचि लेकर करना चाहिऐ। क्‍योंकि बीते राजनीतिक घटनाक्रम के फलस्‍वरूप यहां हुऐ उपचुनाव में आमजन द्वारा प्रदेश की शिवराज सरकार को विकासशील सरकार के रूप में पुन: स्‍थापित करने में जो अहम भूमिका अदा की थी वह सराहनीय थी लेकिन जिसके बाद शिवराज सरकार का जो दायित्‍व क्षेत्र के प्रति होना चाहिऐ था उसकी अदायगी सही ढंग से न हो पाने के चलते आवाम स्‍वयं को ठगा सा महसूस कर रही है जिसके फलस्‍वरूप क्षेत्र में शिवराज सरकार की विश्‍वसनीयता भंग होती देखी जा सकती है।

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