दबंग रिपोर्ट कोलारस-
कोलारस क्षेत्रांतर्गत आने बाला सायलो खरीद केन्द्र जहां इन दिनों किसान का गेंहू सरकार द्वारा खरीदा जा रहा है वह विगत वर्ष की भांति इस बार भी क्षेत्र के किसानों के लिये बड़ी मुसीबत का सवब बनता नजर आ रहा है। आये दिन यहां नाना प्रकार से वाद-विवाद का होना आम सा हो गया है इसके अलावा सरकार द्वारा खरीद केन्द्र पर सुलभ खरीद हेतु कोई पुखता इंतजाम नहीं किये गये हैं। जबकि विगत वर्ष सामने आईं समस्याओं से सीख लेकर सरकार को इस बार सुविधाजनक इंतजाम करने की आवश्यक्ता थी लेकिन ऐसा नहीं हुआ पूर्वानुसार ही अव्यवस्थाओं के बीच इस बार भी खरीद आरम्भ कर दी गई, जिसके चलते वर्तमान भीषण गर्मी के मौसम में अपनी फसल तुलवाने के लिये किसान लंबी-लंबी कतारों में रात दिन खड़ा होकर अनेकों समस्याओं से जूझ रहा है. जिसकी सुध न तो सरकार लेने को तैयार है और न ही प्रशासन?
पड़ोरा बैहटा स्थित सायलो खरीद केन्द्र के ताजा हालात यह हैं कि यहां से लेकर फोरलेन हाईवे स्थित गांधी पेट्रोल पंप तक किसानों के ट्रेक्टर-ट्रालीयों की लगभग 5 किलोमीटर लंबी लाइन लगी हुई है जहां किसान को अपनी फसल तुलवाने के लिये तीन-तीन दिन तक लाइन में लगना पड़ रहा है।
क्षमता से अधिक भार के कारण बिगड़ रही व्यवस्था-
सायलो खरीद केन्द्र पर शिवपुरी की तीन तथा कोलारस विधानसभा की पांच सोसायटी अर्थात कुल मिलाकर 9 सोसायटीयों के किसानों का गेंहू तुलना है जबकि यहां मशीन की क्षमता कम है ऐसे में क्षमता से अधिक भार के कारण व्यवस्था का एकाएक विगड़ना लाजमी है। इस पर क्षेत्रीय विधायक वीरेन्द्र रघुवंशी द्वारा विगत वर्ष भी प्रशासन को समस्याओं से अवगत करा, व्यवस्था दुरूस्त करने हेतु चेताया गया था और इस बार भी रघुवंशी द्वारा प्रशासन को सुझाव दिया गया था कि उक्त खरीद केन्द्र पर या तो मशीनें बढ़ाई जाऐं या फिर 9 में से तीन सोसायटी के किसानों का गेंहू अलग स्थान पर तुलवाया जाऐ जिससे व्यवस्था बनी रहे और किसानों को किसी प्रकार की कोई समस्याओं का सामना न करना पड़े लेकिन प्रशासन ने विधायक रघुवंशी के सुझाव को दरकिनार करते हुऐ पुनः अव्यवस्थाओं के बीच खरीद आरम्भ कर दी जिसका खामियाजा आज क्षेत्रीय किसानों को भुगतना पड़ रहा है।
सोशल मीडिया पर फूट रहा किसानों का आक्रोश, ध्यान दें मुख्यमंत्री-
खरीद केन्द्र पर अपना नम्बर आने के इंतजार में तेज धूप तथा खुले आसमान के नीचे रात गुजारने को मजबूर किसानों का आक्रोश अब सोशल मीडिया पर जमकर फूट रहा है। सोशल मीडिया के माध्यम से किसान अपनी समस्याओं को सरकार के सामने रखने का भरसक प्रयास कर रहे हैं लेकिन सरकार भी किसानों की समस्याओं को नजर अंदाज करती साफ दिखाई दे रही है जिसका नतीजा आज सोशल मीडिया पर आन्दोलन करने को विवश होन आदि नाना प्रकार की पोस्टें देखने को मिल रही हैं।
आज सायलो खरीद केन्द्र के हालातों पर प्रदेश के मुखिया को एक नजर डालने की आवश्यक्ता है।
